महाभारत के दो पात्र संजय और DHRITRASHTRA अपने महाभारत काल से आज के युग में पहुँच जाते है ,समय के इतने लम्बे अंतराल की वजह से यहाँ की हर विषय वस्तु उन्हें कितना आश्चर्य चकित करती है और इस परिस्तिथि में वो कैसे झेलते है इसी का एक काल्पनिक रूपांतरण मै अपने शब्दों में वर्नण करने की कोशिश कर रही हूँ
संजय और DHIRITRASHTRA एक शादी में पहुँच जाते है
DHIRTRASHTRA -ये कौन सी और कैसी जगह है संजय?
संजय - ये जगह कौन सी है ये तो पता नहीं महाराज परन्तु जगह बहुत ही खुबसूरत ढंग से सजा हुआ लग रहा है,चलिए अन्दर चलकर देखते है
DHIRTRASHTRA और संजय शादी के मुख्यद्वार पर पहुँच जाते है,मुख्य द्वार पर खड़ा सिक्यूरिटी गार्ड उन्हें अजीब से वेश भूषा में देख कर उन्हें रोकता है
सिक्यूरिटी गार्ड ऐ ,रुको ,रुको ऐसे मुह उठाये अन्दर कहाँ जा रहे हो ?
DHIRITRASHTRA ये कौन बतमीज इन्सान ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है ?
सिक्युरिटी गार्ड यहाँ पर ड्रामा कंपनी वालो को नहीं बुलाया गया है ,यहाँ पर शादी हो रही है बीना आमंत्रण के अंदर नहीं जा सकते
DHIRITRASHTRA ये क्या बकवास कर रहा है ,क्या तुम्हे मालूम नहीं हम महाराजा DHIRITRASHTRA है ,हम से तमीज़ से पेश आओ
संजय ये महाभारत काल के महाराजा DHRITASHTRA है
सिक्यूरिटी गार्ड कौन से भारत के महाराजा है हमें नहीं मालुम यदि अन्दर जाना है तो थोडा माल इधर दो फिर जाने मिल जायेगा
संजय ये तुम किस माल की बात कर रहे हो ?
सिक्यूरिटी गार्ड क्या सीधे अन्ना की INDIA AGENST CURRUPTION से आ रहे हो जो बात समझ में नहीं आती ?
संजय ये अन्ना कौन है?
सिक्यूरिटी गार्ड वही जो माल को इधर -उधर करने के सक्त खिलाफ है ,जो खुद तो बारह बारह दिन भूखा रखता है और हमारे पेट पर लात मरता है
संजय हमें अन्दर जाना है और जाने दो ,हमें बहुत तेज भूख लगी है
सिक्यूरिटी गार्ड अन्दर जाके फोकट में इतने मजे करोगे ,पहले कुछ दो इर जाने दे दूंगा
संजय महाराज लगता है यहाँ जाने से फले कुछ भेंट देनी होती है ,ऐसा करते है की एक अंगूठी इस दवारपाल को दे देते है और चलते है .[और संजय अपि एक अंगूठी सिक्यूरिटी
गार्ड को दे देते है और अंदर को प्रस्थान करते है ]
संजय और DHIRITRASTRA बहुत भूखे थे इसलिए वो सबसे पहले खाने के काउंटर की ओर जाते है ,वहां तरह तरह की चीजे थी लेकिन उनके समझ में नहीं आ रहा था की
क्या खाए .सबसे पहले उन्हें CHAWMIN दिखता है
DHIRITRASHTRA खाने को कुछ पेश करो संजय हमें बहुत तेज भूख लगी है
संजय खाने ओ तो बहुत कुव्ह है पर लाऊ क्या महाराज ये समझ में नहीं आ रहा है
DHIRITRASHTRA क्यों ?
संजय प्रतेक चीज़ का सवरूप अपने आप में अनोखा है
DHIRITRASHTRA क्या कहा धोखा है ?क्या यहाँ भी YUDHISTHIR के महल की तरह दिखता है जो होता कुछ और है,होता कुछ और है.
संजय नहीं नहीं महाराज यहाँ एक ऐसी वस्तु है जो इतनी लम्बी है की जो लोगो के मुह के अन्दर जीतनी जाती है उतनी ही बहार रह जाती है .खाए तो खाए कैसे?
जाना
DHIRITRASHTRA क्या फिर द्रौपदी की साडी जीतनी लम्बी है ?
संजय नहीं नहीं महाराज इतनी भी लम्बी नहीं है
DHIRITRASHTA किसकी बात कर रहे हो ?तुम भी न अपनी अक्ल का इस्तेमाल नहीं करते .शब्दों में वर्णनं करके बताओ
संजय लम्बी तो हा परतु द्रौपदी के साडी जीतनी नहीं ,पतली है लेकिन हमारी उंगली जितनी नहीं यह तो घुंघराले बालो जैसा प्रतीत हो रहा है परन्तु ये काले रंग का भी नहीं है
DHIRITRASHTRA ये कैसा वर्णन है ,इसको समझना तो महाभारत की लड़ाई को समझने से भी ज्यादा मुश्किल है ,चलो कुछ जो हम खा सके और देखो,अपनी अतृप्त पेट को तरपत कर सके
संजय आपकी तृप्ति को शांत करने के लिए ही तो महाभारत से अब तक आपके साथ हूँ ,मन ही मन संजय सोचता है जो इतना खून पी के साथ नहीं हुआ वो अब खाने से क्या
शांत होगा
तभी एक बच्चा वहां आ जाता है और उन दोनों को देखकर हँसाने लग जाता है
बच्चा ये आपने क्या पहन रखा है ?
संजय इसे वस्त्र कहते है वत्स
बच्चा WHAT वास्तु एंड WHAT वस्त्र
संजय हे !बालक क्या तुम हमें खाने पीने की व्यवस्था की अहि जानकारी दे सकते हो ?
बच्चा ऐ अंकल आप क्या बोल रहे हो मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है ?
संजय हमें कच खाना है ,भूख लगी है ,खाना कहाँ मिलेगा ?
बच्चा आप यहाँ से सीधे जाके बाये मुद जाना वहां खाने का स्टॉल है
संजय खाने की जगह का भी क्या नाक्शा होता है बालक ऐसा करो जरा हमारे साथ चलो
बच्चा ये हे हे क्या लगा रखा है और ये बालक बालक क्या लगा रखा है .बड़े अजीब लोग है यहाँ से तो कलटी होने में ही अपनी भलाई नज़र आती है
और बच्चा वहां से चला जाता है
शादी में पंडाल बहुत ही बड़ा बना हुआ था जहाँ खाने का स्टॉल बहुत दूर दूर बना हुआ था इसलिए उन्हें अन्य स्थान पर पहुचने के लिए बहुत चल चल कर जाना पड़ता है जिससे दोनों परेशां हो जाते है
DHIRITRASHTRA और कितनी दूर है ?संजय ,हमें खाने के लिए और कितना दूर चलना होगा ?
संजय महाराज लगता है ये लोग सिर्फ दिखाने के बड़े है ,ये लोग
खाना बचने के लिए इतनी दूर खाना रखा है की कोई वहां तक पहुँच ही न पाए
DHIRITRASHTRA तो हमें पानी ही पीला दो
संजय पानी भी तो कही आस पास नहीं दिख रहा है
DHIRITRASHTRA काश! की आज अर्जुन होता तो यहाँ पर तीर ही मार के पानी निकल कर मेरी प्यास बुझा देता ,जैसे भीष्म पितामह की बुझाई थी
संजय तो लड़ाई ही क्यों कराई थी ?आज इस तरह खाने पीने को तो दर दर नहीं भटक रहे होते
तभी उन्हें डी.जे .पर डांस कर रहे लोग दिखाई देते है
DHIRITRASHTRA ये कैसी आवाज आ रही है ?
संजय एक जगह पर खड़े होकर बहुत सारे लोग अजीब तरह से हाथ पैर चला रहे है ,लगता है सोमरस का सेवन कर लिया है
DHIRITRASHTRA अरे हमें भी वही पिला दो ,बहुत दिनों से गला तर नहीं हुआ है
संजय हाँ हाँ क्यों नहीं बस इसी की तो कमी रह गई थी
तभी वहां उन्हें वहां एक लड़की स्टेप डांस करती हुई दिखाई देती है
संजय महाराज यहाँ पर भी चीड़ हरण हो रहा है
DHIRITRASHTRA क्या द्रौपदी यहाँ भी पहुँच गई ?
संजय नहीं नहीं महाराज यह कन्या तो अपने वस्त्र अपने आप ही उतार रही है
DHIRITRASHTRA ये क्या हो रहा है ?[चिलाते हुए ]
संजय महाराज आराम से यहाँ आपका राज -पाट नहीं है ,हम बहुत मुश्किल से भेंट देकर यहाँ तक पहुंचे है.
DHIRITRASHTRA ये तुम कैसी बाते कर रहे हो संजय ,हम महाराज है ,हम किसी पर हो रहे अन्याय को कैसे चुपचाप रह कर होने दे सकते है
संजय अच्छा ,तब अक्ल कहाँ गई थी जब आपस में ही लडवा दिया था
संजय की बातो को अनसुना करते हुए वो आवाज़ की तरह कदम बढ़ा देते है
DHIRITRASHTRA ये क्या हो रहा है ,ये क्या हो रहा है ?इसे कोई रोकता क्यों नहीं है ?
संजय मन ही मन ,पड़ गया फिर से दौरा ये क्या हो रहा है .
तब तक DHIRITRASHTRA ड़ी जे के पास पहुँच जाते है चूँकि उन्हें दिखाई तो देता नहीं है इसलिए उलटे दिशा में खड़े होकर चिल्लाना शुरू कर देते है ,उनकी इस हरकत से लोग अचंभित हो जाते है और सिक्यूरिटी हेड को बुलाया जाता है
सिक्यूरिटी हेड तुम लोग कौन हो ?तुम्हे तो यहाँ नहीं बुलाया गया था
DHIRITRASHTRA हमे कौन बुलायेगा ,हम तो अपनी मर्जी से कही से भी आते जाते है
सिक्यूरिटी हेड अभी पुलिस को बुलाता हूँ ,तब पता चलेगा ,मर्जी से आता जाता हूँ
संजय ये महाराज DHIRITRASTRA है तुम इनसे ऐसे कैसे बात कर सकते हो ?
सिक्यूरिटी हेड AND WHO ARE U ?
संजय ये तुम किस भाषा में हम से बात कर रहे हो ,हम समझ में नहीं आ रहा है ,कृपया उचित भाषा का प्रयोग कर हमसे बात करे
सिक्यूरिटी हेड मै ये पूछ रहा हूँ की तू कौण है ?
संजय मै संजय महाराज DHIRTRASTRA की दूर द्रिस्टी
सिक्यूरिटी हेड किसकी हिस्ट्री?
संजय हिस्ट्री नहीं दूर द्रिष्टी ,जिसे दूर का दिखाई दे
सिक्यूरिटी हेड कैरेक्टर से बहार आओ और बताओ यहाँ कैसे और क्यों आये?
संजय हम यहाँ भोजन करने आए है
सिक्यूरिटी हेड खाना ही खाना था तो खाके चुपचाप चलते बनाते न यहाँ परेशानी क्यों मचा दिया
संजय हम तो खाने की तलाश में ही यहाँ वहां भटक रहे थे की तभी यह चीड हरण की यह दुर्घटना हमारे महाराज से बर्दास्त नहीं हुआ और हम इसे रोंए आ गए
गुस्से से लाल पीला होता हुआ सिक्यूरिटी गार्ड उन्हें एक जगह बिठा कर चला जाता है,तभी वहां एक शराबी आ जाता है
शराबी मुझे तुम दोनों से बहुत हमदर्दी है ,तुम जैसे कलाकार कहाँ मिलते है जो आने करेक्टर से बहार ही न आये.और ये कहते हुए वो महाराज को गले लगाने के लिए उनकी और बढ़ जाता है लेकिन तभी संजय बीच में आकर उन्हें रोक देते है
संजय न ,न न य्गले मत लगाना ,तुम्हे शायद भीम के बारे में मालूम नहीं ,महाराज अभी बहुत गुस्से में है और अगर तुम गले लगे तो तुम्हारा तो पता भी नहीं चलेगा
शराबी तुहारा कहने का क्या मतलब है ,मेरी समझ में नहीं आ रहा है लेकिन एक बात है तुम लोग इन कपड़ो में बड़े जच रहे हो
DHIRITRASHTRA इनका कहने का क्या मतलब है ,इन्हों कैसे कपडे पहन रखे है?
संजय महाराज इन्होने तो बड़े विचत्र परिधान घारण कर रखा है ,ऐसा प्रतीत होता है की ये परिधान में घुसे हुए है
शराबी ये सब बाते छोड़ो ,मुझे तुम लोगो की बहुत चिंता हो रही है ये लो मोबाइल फ़ोन और अपने की को फ़ोन करके बुला लो
संजय इन्होने घर में किसी को छोड़ा है जो बुला लू?
शराबी लगता है तुमको ज्यादा हो गई है
संजय क्या ज्यादा हो गई है ?
शराबी बोतल दिखाते हुए "ये"
संजय ये तो हमने चखी भी नहीं है
तभी शराबी का फ़ोन बजता है
शराबी हेल्लो ,हाँ कौन बोल रहा है?
उधर से फ़ोन पर मै बल रही हूँ ,तुम्हारी पत्नी माया ,घर कब तक आओगे ?
शराबी यहाँ दो परेशां लोग है जडा उनकी परेशानी ख़तम करके आता हूँ
पत्नी तुम से बड़ी परेशानी और क्या होगी ?और फ़ोन DISCANNECT ओ जाता है
संजय ये क्या है ?
शराबी ये मोबाइल है ,इससे बात हो जाती है यहाँ बैठे बैठे ,दुनिया में कही भी ,कभी भी
DHIRITRASHTRA ये क्या कह रहे है संजय?
संजय इनका कहने का मतलब है की जैसे मै आपकी आँख हूँ वैसे ही ये इनपर रहने वाल कान है,ये कब ,कहाँ,क्या कर रहे है ये सब इनकी पत्नी इससे जान जाती है
शराबी तुम अपना नंबर बताओ
संजय वो क्या होता है
शराबी इससे मै तुम्हारा कान बन जाऊंगा
DHIRITRASHTRA संजय इनसे कहो की ये हमारे लिए खाने की व्यवस्था कर दे
संजय ये सिर्फ पीने की वयवस्था कर सकते है ,चलिए महाराज ,हम यहाँ से प्रस्थान करते है क्यूंकि ये जगह ,ये लोग बहुत ही विचत्र ला रहे है और मेरी दूर द्रिस्टी कहती है की यहाँ से चलने में ही भलाई है क्यूंकि मुझे कुछ कुछ कारावास जैसी जगह का पुरबाभाश हो रहा है रहा है ,हम कही और भोजन का प्रबंध करते है ,और दोनों चले जाते है
महाभारत के दो पात्र संजय और DHRITRASHTRA अपने महाभारत काल से आज के युग में पहुँच जाते है ,समय के इतने लम्बे अंतराल की वजह से यहाँ की हर विषय वस्तु उन्हें कितना आश्चर्य चकित करती है और इस परिस्तिथि में वो कैसे झेलते है इसी का एक काल्पनिक रूपांतरण मै अपने शब्दों में वर्नण करने की कोशिश कर रही हूँ
संजय और DHIRITRASHTRA एक शादी में पहुँच जाते है
DHIRTRASHTRA -ये कौन सी और कैसी जगह है संजय?
संजय - ये जगह कौन सी है ये तो पता नहीं महाराज परन्तु जगह बहुत ही खुबसूरत ढंग से सजा हुआ लग रहा है,चलिए अन्दर चलकर देखते है
DHIRTRASHTRA और संजय शादी के मुख्यद्वार पर पहुँच जाते है,मुख्य द्वार पर खड़ा सिक्यूरिटी गार्ड उन्हें अजीब से वेश भूषा में देख कर उन्हें रोकता है
सिक्यूरिटी गार्ड ऐ ,रुको ,रुको ऐसे मुह उठाये अन्दर कहाँ जा रहे हो ?
DHIRITRASHTRA ये कौन बतमीज इन्सान ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है ?
सिक्युरिटी गार्ड यहाँ पर ड्रामा कंपनी वालो को नहीं बुलाया गया है ,यहाँ पर शादी हो रही है बीना आमंत्रण के अंदर नहीं जा सकते
DHIRITRASHTRA ये क्या बकवास कर रहा है ,क्या तुम्हे मालूम नहीं हम महाराजा DHIRITRASHTRA है ,हम से तमीज़ से पेश आओ
संजय ये महाभारत काल के महाराजा DHRITASHTRA है
सिक्यूरिटी गार्ड कौन से भारत के महाराजा है हमें नहीं मालुम यदि अन्दर जाना है तो थोडा माल इधर दो फिर जाने मिल जायेगा
संजय ये तुम किस माल की बात कर रहे हो ?
सिक्यूरिटी गार्ड क्या सीधे अन्ना की INDIA AGENST CURRUPTION से आ रहे हो जो बात समझ में नहीं आती ?
संजय ये अन्ना कौन है?
सिक्यूरिटी गार्ड वही जो माल को इधर -उधर करने के सक्त खिलाफ है ,जो खुद तो बारह बारह दिन भूखा रखता है और हमारे पेट पर लात मरता है
संजय हमें अन्दर जाना है और जाने दो ,हमें बहुत तेज भूख लगी है
सिक्यूरिटी गार्ड अन्दर जाके फोकट में इतने मजे करोगे ,पहले कुछ दो इर जाने दे दूंगा
संजय महाराज लगता है यहाँ जाने से फले कुछ भेंट देनी होती है ,ऐसा करते है की एक अंगूठी इस दवारपाल को दे देते है और चलते है .[और संजय अपि एक अंगूठी सिक्यूरिटी
गार्ड को दे देते है और अंदर को प्रस्थान करते है ]
संजय और DHIRITRASTRA बहुत भूखे थे इसलिए वो सबसे पहले खाने के काउंटर की ओर जाते है ,वहां तरह तरह की चीजे थी लेकिन उनके समझ में नहीं आ रहा था की
क्या खाए .सबसे पहले उन्हें CHAWMIN दिखता है
DHIRITRASHTRA खाने को कुछ पेश करो संजय हमें बहुत तेज भूख लगी है
संजय खाने ओ तो बहुत कुव्ह है पर लाऊ क्या महाराज ये समझ में नहीं आ रहा है
DHIRITRASHTRA क्यों ?
संजय प्रतेक चीज़ का सवरूप अपने आप में अनोखा है
DHIRITRASHTRA क्या कहा धोखा है ?क्या यहाँ भी YUDHISTHIR के महल की तरह दिखता है जो होता कुछ और है,होता कुछ और है.
संजय नहीं नहीं महाराज यहाँ एक ऐसी वस्तु है जो इतनी लम्बी है की जो लोगो के मुह के अन्दर जीतनी जाती है उतनी ही बहार रह जाती है .खाए तो खाए कैसे?
जाना
DHIRITRASHTRA क्या फिर द्रौपदी की साडी जीतनी लम्बी है ?
संजय नहीं नहीं महाराज इतनी भी लम्बी नहीं है
DHIRITRASHTA किसकी बात कर रहे हो ?तुम भी न अपनी अक्ल का इस्तेमाल नहीं करते .शब्दों में वर्णनं करके बताओ
संजय लम्बी तो हा परतु द्रौपदी के साडी जीतनी नहीं ,पतली है लेकिन हमारी उंगली जितनी नहीं यह तो घुंघराले बालो जैसा प्रतीत हो रहा है परन्तु ये काले रंग का भी नहीं है
DHIRITRASHTRA ये कैसा वर्णन है ,इसको समझना तो महाभारत की लड़ाई को समझने से भी ज्यादा मुश्किल है ,चलो कुछ जो हम खा सके और देखो,अपनी अतृप्त पेट को तरपत कर सके
संजय आपकी तृप्ति को शांत करने के लिए ही तो महाभारत से अब तक आपके साथ हूँ ,मन ही मन संजय सोचता है जो इतना खून पी के साथ नहीं हुआ वो अब खाने से क्या
शांत होगा
तभी एक बच्चा वहां आ जाता है और उन दोनों को देखकर हँसाने लग जाता है
बच्चा ये आपने क्या पहन रखा है ?
संजय इसे वस्त्र कहते है वत्स
बच्चा WHAT वास्तु एंड WHAT वस्त्र
संजय हे !बालक क्या तुम हमें खाने पीने की व्यवस्था की अहि जानकारी दे सकते हो ?
बच्चा ऐ अंकल आप क्या बोल रहे हो मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है ?
संजय हमें कच खाना है ,भूख लगी है ,खाना कहाँ मिलेगा ?
बच्चा आप यहाँ से सीधे जाके बाये मुद जाना वहां खाने का स्टॉल है
संजय खाने की जगह का भी क्या नाक्शा होता है बालक ऐसा करो जरा हमारे साथ चलो
बच्चा ये हे हे क्या लगा रखा है और ये बालक बालक क्या लगा रखा है .बड़े अजीब लोग है यहाँ से तो कलटी होने में ही अपनी भलाई नज़र आती है
और बच्चा वहां से चला जाता है
शादी में पंडाल बहुत ही बड़ा बना हुआ था जहाँ खाने का स्टॉल बहुत दूर दूर बना हुआ था इसलिए उन्हें अन्य स्थान पर पहुचने के लिए बहुत चल चल कर जाना पड़ता है जिससे दोनों परेशां हो जाते है
DHIRITRASHTRA और कितनी दूर है ?संजय ,हमें खाने के लिए और कितना दूर चलना होगा ?
संजय महाराज लगता है ये लोग सिर्फ दिखाने के बड़े है ,ये लोग
खाना बचने के लिए इतनी दूर खाना रखा है की कोई वहां तक पहुँच ही न पाए
DHIRITRASHTRA तो हमें पानी ही पीला दो
संजय पानी भी तो कही आस पास नहीं दिख रहा है
DHIRITRASHTRA काश! की आज अर्जुन होता तो यहाँ पर तीर ही मार के पानी निकल कर मेरी प्यास बुझा देता ,जैसे भीष्म पितामह की बुझाई थी
संजय तो लड़ाई ही क्यों कराई थी ?आज इस तरह खाने पीने को तो दर दर नहीं भटक रहे होते
तभी उन्हें डी.जे .पर डांस कर रहे लोग दिखाई देते है
DHIRITRASHTRA ये कैसी आवाज आ रही है ?
संजय एक जगह पर खड़े होकर बहुत सारे लोग अजीब तरह से हाथ पैर चला रहे है ,लगता है सोमरस का सेवन कर लिया है
DHIRITRASHTRA अरे हमें भी वही पिला दो ,बहुत दिनों से गला तर नहीं हुआ है
संजय हाँ हाँ क्यों नहीं बस इसी की तो कमी रह गई थी
तभी वहां उन्हें वहां एक लड़की स्टेप डांस करती हुई दिखाई देती है
संजय महाराज यहाँ पर भी चीड़ हरण हो रहा है
DHIRITRASHTRA क्या द्रौपदी यहाँ भी पहुँच गई ?
संजय नहीं नहीं महाराज यह कन्या तो अपने वस्त्र अपने आप ही उतार रही है
DHIRITRASHTRA ये क्या हो रहा है ?[चिलाते हुए ]
संजय महाराज आराम से यहाँ आपका राज -पाट नहीं है ,हम बहुत मुश्किल से भेंट देकर यहाँ तक पहुंचे है.
DHIRITRASHTRA ये तुम कैसी बाते कर रहे हो संजय ,हम महाराज है ,हम किसी पर हो रहे अन्याय को कैसे चुपचाप रह कर होने दे सकते है
संजय अच्छा ,तब अक्ल कहाँ गई थी जब आपस में ही लडवा दिया था
संजय की बातो को अनसुना करते हुए वो आवाज़ की तरह कदम बढ़ा देते है
DHIRITRASHTRA ये क्या हो रहा है ,ये क्या हो रहा है ?इसे कोई रोकता क्यों नहीं है ?
संजय मन ही मन ,पड़ गया फिर से दौरा ये क्या हो रहा है .
तब तक DHIRITRASHTRA ड़ी जे के पास पहुँच जाते है चूँकि उन्हें दिखाई तो देता नहीं है इसलिए उलटे दिशा में खड़े होकर चिल्लाना शुरू कर देते है ,उनकी इस हरकत से लोग अचंभित हो जाते है और सिक्यूरिटी हेड को बुलाया जाता है
सिक्यूरिटी हेड तुम लोग कौन हो ?तुम्हे तो यहाँ नहीं बुलाया गया था
DHIRITRASHTRA हमे कौन बुलायेगा ,हम तो अपनी मर्जी से कही से भी आते जाते है
सिक्यूरिटी हेड अभी पुलिस को बुलाता हूँ ,तब पता चलेगा ,मर्जी से आता जाता हूँ
संजय ये महाराज DHIRITRASTRA है तुम इनसे ऐसे कैसे बात कर सकते हो ?
सिक्यूरिटी हेड AND WHO ARE U ?
संजय ये तुम किस भाषा में हम से बात कर रहे हो ,हम समझ में नहीं आ रहा है ,कृपया उचित भाषा का प्रयोग कर हमसे बात करे
सिक्यूरिटी हेड मै ये पूछ रहा हूँ की तू कौण है ?
संजय मै संजय महाराज DHIRTRASTRA की दूर द्रिस्टी
सिक्यूरिटी हेड किसकी हिस्ट्री?
संजय हिस्ट्री नहीं दूर द्रिष्टी ,जिसे दूर का दिखाई दे
सिक्यूरिटी हेड कैरेक्टर से बहार आओ और बताओ यहाँ कैसे और क्यों आये?
संजय हम यहाँ भोजन करने आए है
सिक्यूरिटी हेड खाना ही खाना था तो खाके चुपचाप चलते बनाते न यहाँ परेशानी क्यों मचा दिया
संजय हम तो खाने की तलाश में ही यहाँ वहां भटक रहे थे की तभी यह चीड हरण की यह दुर्घटना हमारे महाराज से बर्दास्त नहीं हुआ और हम इसे रोंए आ गए
गुस्से से लाल पीला होता हुआ सिक्यूरिटी गार्ड उन्हें एक जगह बिठा कर चला जाता है,तभी वहां एक शराबी आ जाता है
शराबी मुझे तुम दोनों से बहुत हमदर्दी है ,तुम जैसे कलाकार कहाँ मिलते है जो आने करेक्टर से बहार ही न आये.और ये कहते हुए वो महाराज को गले लगाने के लिए उनकी और बढ़ जाता है लेकिन तभी संजय बीच में आकर उन्हें रोक देते है
संजय न ,न न य्गले मत लगाना ,तुम्हे शायद भीम के बारे में मालूम नहीं ,महाराज अभी बहुत गुस्से में है और अगर तुम गले लगे तो तुम्हारा तो पता भी नहीं चलेगा
शराबी तुहारा कहने का क्या मतलब है ,मेरी समझ में नहीं आ रहा है लेकिन एक बात है तुम लोग इन कपड़ो में बड़े जच रहे हो
DHIRITRASHTRA इनका कहने का क्या मतलब है ,इन्हों कैसे कपडे पहन रखे है?
संजय महाराज इन्होने तो बड़े विचत्र परिधान घारण कर रखा है ,ऐसा प्रतीत होता है की ये परिधान में घुसे हुए है
शराबी ये सब बाते छोड़ो ,मुझे तुम लोगो की बहुत चिंता हो रही है ये लो मोबाइल फ़ोन और अपने की को फ़ोन करके बुला लो
संजय इन्होने घर में किसी को छोड़ा है जो बुला लू?
शराबी लगता है तुमको ज्यादा हो गई है
संजय क्या ज्यादा हो गई है ?
शराबी बोतल दिखाते हुए "ये"
संजय ये तो हमने चखी भी नहीं है
तभी शराबी का फ़ोन बजता है
शराबी हेल्लो ,हाँ कौन बोल रहा है?
उधर से फ़ोन पर मै बल रही हूँ ,तुम्हारी पत्नी माया ,घर कब तक आओगे ?
शराबी यहाँ दो परेशां लोग है जडा उनकी परेशानी ख़तम करके आता हूँ
पत्नी तुम से बड़ी परेशानी और क्या होगी ?और फ़ोन DISCANNECT ओ जाता है
संजय ये क्या है ?
शराबी ये मोबाइल है ,इससे बात हो जाती है यहाँ बैठे बैठे ,दुनिया में कही भी ,कभी भी
DHIRITRASHTRA ये क्या कह रहे है संजय?
संजय इनका कहने का मतलब है की जैसे मै आपकी आँख हूँ वैसे ही ये इनपर रहने वाल कान है,ये कब ,कहाँ,क्या कर रहे है ये सब इनकी पत्नी इससे जान जाती है
शराबी तुम अपना नंबर बताओ
संजय वो क्या होता है
शराबी इससे मै तुम्हारा कान बन जाऊंगा
DHIRITRASHTRA संजय इनसे कहो की ये हमारे लिए खाने की व्यवस्था कर दे
संजय ये सिर्फ पीने की वयवस्था कर सकते है ,चलिए महाराज ,हम यहाँ से प्रस्थान करते है क्यूंकि ये जगह ,ये लोग बहुत ही विचत्र ला रहे है और मेरी दूर द्रिस्टी कहती है की यहाँ से चलने में ही भलाई है क्यूंकि मुझे कुछ कुछ कारावास जैसी जगह का पुरबाभाश हो रहा है रहा है ,हम कही और भोजन का प्रबंध करते है ,और दोनों चले जाते है
thanks
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